भैरव राग का अर्थ
[ bhairev raaga ]
भैरव राग उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- हड्डियों की वीणा पर भैरव राग चल रहा है।
- प्रातः कालीन भैरव राग में शान्त रस होता है।
- हड्डियों की वीणा पर भैरव राग चल रहा है।
- तो कोमल रे ध स्वरों वाले , मैं भैरव राग को गाती हूँ।
- ( ४) भैरव राग अगस्त, सितंबर, अक्तूबर महीनों के प्रात:काल में गाया जाता है, इससे शान्ति उत्पन्न होती है;
- शायद पहली बार मुझे समझ आया की प्रातः काल में भैरव राग के शुद्ध स्वर क्या जादू जागते होंगे।
- एक भारतीय गायक ने जब तन्मयता से भैरव राग छेडा था , तो भैरव की भीषण आकृति प्रकट हो गई थी।
- हम कहेंगे इतना ही : - जब जब जीवन गीत मे भैरव राग छिड़ जाएगा रुखे मन और सूखे नयनों से व्यथा-नीर बह जाएगा...!!! शुभकामनाएं -रेणु आहूजा.
- ( ४ ) भैरव राग अगस्त , सितंबर , अक्तूबर महीनों के प्रात : काल में गाया जाता है , इससे शान्ति उत्पन्न होती है ;
- हमारी मनोभूमि पर आजकल गद्य के कैक्टस उगने लगे हैं . .. क्या करूँ... किन मन्त्रों से इंद्र-देव को प्रसन्न करूँ.... या किन शब्दों में भैरव राग रचूँ...समझ नहीं पड़ता.